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My first **

मैं 19 साल की उम्र में जी बी रोड के 64 नंबर कोठे में गया। तब पहली बार मैंने सेक्स किया था। दूसरों ने इस पर बहुत लिखा है और मैंने सब पढ रखा था।

जरूरी पैसे लेकर एक दोपहर कॉलेज बंक करके मैं निकला। घर पर पता चलना मुमकिन नहीं था क्योंकि पढ़ाई के लिए मैं अलग शहर (दिल्ली) आया था।

पैसे देकर मैंने ऐक रंडी को चुना जो 22–25 साल की होगी। उसके साथ एक कमरे में गया। उसने पूछा, “क्या करना है?” हवस भरी नज़र से उसे देखते हुए मैंने कहा, “पूरे मजे़ उठाने हैं”।

उसने अपनी टी-शर्ट और जीन्स उतार दी। मेरी हवस बढ़ी। मैंने अपनी टी-शर्ट और बनियान उतार फेंकी और उसकी कमर पकड़ कर उसके होंठ चूमने लगा। मैं अंदर कडक हो चुका था। उसने मेरा बेल्ट उतार फेंका। मेरी जीन्स थोड़ी नीचे हुई और मेरी ब्लैक जॉकी की चड्डी का बैंड दिख रहा था। मेरी जीन्स उतारने के लिए उसने जीन्स में हाथ डाला और नीचे की ओर ढकेला। इस बीच पैंट तो गिर गई लेकिन उसका हाथ मेरी चड्डी के ऊपर से मेरे लंड को छू गया और मैं और भी एक्साईट हुआ। अब मैं सिर्फ चड्डी और सॉक्स मैं था।

वो चूमना रोक कर बिस्तर पर लेटी। मैं उसके ऊपर आया और चूमना चालू किया। जब उसने मेरी चड्डी उतारने के लिए हाथ आगे बढ़ाया तो उसे रोकते हुए मैंने कहा, “अभी मत उतारो। रहने दो मेरी चड्डी।” वो नहीं जानती थी कि मुझे चड्डी में फोर प्ले की फेटिश थी। जिस तरह मेरा उत्तेजित लंड मेरी चड्डी की कैद में छटपटाता वो मुझे अच्छा लगता।

पूरी उत्तेजना के साथ उसकी ब्रा के ऊपर से उसके दूध दबा रहा था और गाल और होंठ चूम रहा था। बीच में कभी अपनी नाक से उसके माथे से उसकी नाक तक सफर तय करता और एक हाथ से उसका पेट और उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी सेंटर सहलाता। इस दौरान मैंने उसे खूब चूमा।

इस बीच मेरा लंड इतना कड़क हो गया था और मेरी चड्डी में इतना छटपटा रहा था कि मुझे लगा वो लंड कभी भी चड्डी को छेदते हुए बहार आ जाएगा। मगर मुझे उस रंड को चूमने में और उसके दूध दबाने में इतना मज़ा आ रहा था कि वो रोक कर मैं अपनी चड्डी उतारना नहीं चाहता था।

उसे दिख रहा था कि मेरी चड्डी का तंबू ही बन चुका था। उसे दिख रहा था कि वो कड़क-पन के कारण मुझे दर्द हो रहा था। उसे दिख रहा था कि मेरी चड्डी मेरे लंड के लिए पिंजरा बन गई थी।

“अब तो अपनी चड्डी उतार दो!”, वो बोली। उसने चड्डी के ऊपर से मेरा कड़क-पन जकड़ लिया। “आह” मेरे मुँह से निकला और अब तब मुझे मेरी चड्डी उतारनी पड़ी।

मैंनै अपना दर्द करता कड़क-पन उसके अंदर घुसाया। वो चिल्लाने वाली थी लेकिन मैंने उसे तुरंत चूमा ताकि वो चिल्ला न सके। फिर मैंने स्फूर्ति से धक्के मारे। बिस्तर हिलने की आवाज़ और मेरी “आह! आह! आह!” दोंनो गूंज रही थी। कुछ ही मिनटों में मैं झड़ गया। वो मेरे साथ झड़ी।

अपनी चड्डी पहन कर मैं थोड़ी देर उसके साथ लेटा। मैं उसे फिर चूमने लगा। वो अपने आप को छुडाने की कोशिश करने लगी। मैं ताकतवर था और आसानी से मैंने उसके हाथों को अपने हाथों से जकड़े रखा। वो चिल्ला न सके इसीलिए मैं उसके होठों को खूब चूमने लगा। अब मेरी चड्डी में मुझे जोरदार कड़कपन महसूस हुआ। लेकिन मैं जानता था कि उसको चोदने के लिए मुझे अपनी चड्डी उतारनी होगी। उसके लिए एक हाथ की जरूरत थी। मेरे दोनों हाथ उस रंड को जकड़ रहे थे। एक भी हाथ निकालता तो अपने छूटे हाथ से मुझे रोकने की कोशिश जरूर करती। इसीलिए मैं कड़कपन बर्दाश्त करके चूमता रहा। जब मौका मिला तब मैंने एक हाथ हटाया। लेकिन वो कुछ न कर पाए इसीलिए चड्डी को सिर्फ थोड़ा नीचे खिसका कर उस रंड में मैं घुसा और पूरी ताकत से चोदा। हम दोनों के पानी छूटने के बाद उसमें बोलने के लिए भी साँस नहीं बची थी और आधी सोई अवस्था में पड़ी रही। मेरा तो काम हो गया। मैंनै चड्डी पहनी और उसके सोने तक मैं भी पड़ा रहा। फिर कपड़े पहन कर मैं निकल गया।

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